गडरिया समाज का उत्थान – योजना और कार्यान्वयन
प्रतिभागी 1 Gadariya Surendra Pal संगठन…. जब तक हम ईमानदारी से समाज को सगठित नही कर पायेंगे तब तक हम कैसे कामयाब होंगे ।जब तक हम एक पास बैठेगे नही, एक दूसरे की समस्याओ को समझेगे नही कैसे कामयाब होगे।शिक्षित हो..संगठित हो…
प्रतिभागी 2 Gadariya Surendra Pal जी गड़रिया समाज का उत्थान, योजना एव कार्यान्वयन :
समाज के उत्थान को ध्यान मैं रखते हुए हमे धरातल / वार्ड स्तर से शुरूवात करनी होगी। समाज के संगठन हर जिले मे पहले से ही बने हुए हे, यही संगठन महीने मे कम से कम 2 रविवार (मात्र 2-3 घंटे) समाज के संगठन, समन्वय एव जनसम्पर्क के लिए दे। रविवार के दिन एक वार्ड का चयन करके वहा मीटिंग बुलाई जाए (युवाओ को अधिक से अधिक जोड़ा जाए) । मीटिंग मे आए हुए प्रत्येक व्यक्ति का नाम एव मोबाइल नंबर लिया जाए। सभी मोबाइल नंबर को कम्प्युटर मैं अंकित किया जाए ( डाटा बनाया जाए)। डाटा के माध्यम से समाज के संगठन को मंजबूत बनाने के साथ साथ अनेक तरीको से इसका उपयोग किया जा सकता हे।
उदाहरण : 1. गाज़ियाबाद मैं 80 वार्ड हे, 80 वार्डो मैं समाज की कुल जनसंख्या लगभग 50-60 हजार हे (इतनी ही संख्या मैं वोट भी हे) यदि समाज को जिला स्तर पर कोई सम्मेलन/ धरना/ प्रदर्शन/ मीटिंग करना हो तो 60 हजार लोगो को एक साथ बुलाना संभव नहीं हे, लेकिन यदि हमारे पास प्रत्येक वार्ड का डाटा बना हुआ हे तो हम एस.एम.एस (मैसेज) के माध्यम से हजारो लोगो को बहुत ही कम समय मैं कोई भी सूचना आसानी से भेज सकते हे, (मात्र 30-40 पैसे प्रति मैसेज के हिसाब से) । एस.एम.एस, पाल महासभा, (जिले का नाम) के द्वारा जाना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को अपने समाज से लगाव होता हे। इसलीय जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति के पास एस.एम.एस, जायगा वह अपने आप पर गर्व महसूस करेगा की मेरे समाज ने मुझे आमंत्रित किया हे।
2 शिक्षा : किसी भी समाज की उन्नति मैं शिक्षा का भी महत्वपूरण योगदान होता हे इसलीय हमे अपने युवा वर्ग को समाज के सफल/ उच्चशिक्षित व्यक्तिओ द्वारा शिक्षा के लिए प्ररित करना होगा। ये विचार नरेश पाल जी के है
प्रतिभागी 3 Gadariya Surendra Pal Samaj me Ekta bahut h per ushe ek sthaai jagah nhi mil rhi khade hone ke liye. Matlab ek apni rajnitik party hona bahut jaroori h .
Or dusra agar aane wale samay me raaj karna h to jitna ho sake Mai ye nhi keh rha hu ki bada business hi khole ek chhote se Vyapar se bhi startup ho Sakta h isliye business ke bare me jyada kadam badaye.
Dhanyawad ये विचार प्रदीप पाल जी के है
प्रतिभागी 4 Gadariya Surendra Pal जी #History of Gaderia Samaaj
भारत में सिर्फ “गडरिया” अर्थात “धनगर” का हे राज था |
अफगानिस्तान में आज भी “गंधार” जगह आज भी मोजूद है , जहाँ आज भी लोग भेड़ बकरी पालन का काम करते, गंधार जगह का नाम “गड़रियो” के कारन हे पड़ा |
उत्तराखंड में “गढ़वाल” क्षेत्र आज भी मोजूद है जहा आज भी विभिन जातिया भेड़ बकरी का पालन करते है | हिंदी में “गढ़” शब्द का अर्थ “भेड़” “बकरी” से है | इसी वजह से इस क्षेत्र का नाम “गढ़वाल” पड़ा |
“मध्य भारत” के राज्य “मध्य प्रदेश” जहाँ आज भी “गडरिया” समाज की बहुतात में जनसंख्या है | मध्य प्रदेश में “गडरियाखेडा” नाम से जगह है जिसका वर्तमान नाम “गदरवाडा” है है “ग़दर” शब्द का मध्य भारत की भाषा में अर्थ “भेड़” “बकरी” होती है| मध्य प्रदेश के “विधिशा” – “भोपाल ” मंडल में मोजूद “ग़दरमल” मंदिर जो की 800-900 A.D. के करीब किसी “गडरिया” राजा ने बनवाया था इसी कारन इस मंदिर का नाम“ग़दरमल” पड़ा|
मध्य भारत में “होलकर साम्राज्य” “धनगर” अर्थात गड़रियो का ही राजवंश है | जिसने भारत देश को “महान देवी अहिल्या बाई होलकर” जैसे महान रानी दी जिसने ना केवल हिन्दू समाज को मुगलों से बचाया बल्कि मुगलों दुवारा तोड़े गए मंदिरों को दुबारा बनवाया| स्वंत्रता सेनानी “यशवंतराव होलकर” व रानी “भीमाबाई होलकर” जैसे वीर स्वंत्रता सेनानी दिए | ग्वालियर जिले के गडरिया “तानसेन” का नाम तो सभी लोग जानते है जिनका गोत्र “बानिया” था इसी जाति से ताल्लुक रखते थे |
दक्षिण भारत में “गडरिया / धनगर” “कुरुबा” नाम से जाना जाता है जिसने भारत को “विजय नगर” साम्राज्य दिया | “कनकदास” “कालीदास” जैसे सन्त दिए | “संगोल्ली रायान्ना” जैसे स्वंत्रता सेनानी दिए जिन्होंने अपने प्राण देश के खातिर निरछावर कर दिए थे |
कहा जाता है की भारत की जादातर जातिया गडरिया समाज से निकली है | जिनमे अहीर , गुजर , कुर्मी, जाट ब्राहमण, बनिया , राजपूत विशेष है |
:-Gadariya Surendra Pal
भारत वर्ष के तमाम धनगर (शेफर्ड) समाज के नाम सन्देश
यह बात सत्य है की धनगर समाज भारत के तमाम हिस्सों में फैला है परन्तु यह समाज देश के कोने कोने में अलग अलग नाम से जाना जाता है , इस धनगर समाज ने इंडिया स्तर पर अपनी नेशनल आइडेंटिटी (रास्ट्रीय पहचान) नहीं बनाई है | इसके पीछे कई कारण है पहला कारण यह की जिस वक़्त भारत आजाद हुआ था उस समय धनगर समाज का कोई रास्ट्रीय नेता नहीं था, अगर गैर समाज को देखा जाये तो उनका कोई न कोई नेता था उन्हें आजाद भारत ने मंत्री मंडल में किसी न किसी समाज का नेता भी बनाया गया था जैस है परन्तु धनगर समाज का कोई नेता नहीं था जो धनगर समाज को उस समय सही रास्ता देखता , किसी गैर समाज के नेता ने भी धनगर समाज को सही रास्ता नहीं दिखाया | धनगर समाज इसी वजह से पिछड़ते पिछड़ते इतना पिछड़ गया की 1990 तक अपना कोई सांसद , विधायक नहीं बना पाया और इस समय तक गैर समाज अपने सेन्टर में कई नेता बना चुके थे, परन्तु अपना समाज गैर समाज के नेताओ को ही नेतागिरी करने वाला समझ चूका था (वैसे ये स्तिथि आज भी है), कुछ समाज ने तो धनगर समाज को राजनीती में न उठने देने के लिए तरह तरह के श्लोक व कहानी तक तयार कर ली जैसे
अहार(यादव) समाज : “गड़ेरिया अहीर भाई भाई, भाई(गड़ेरिया) भाई(यादव) को ही वोट देगा” , “यादव समाज गड़ेरिया समाज के बेटे के सामान है बाप(गड़ेरिया) को बेटे(यादव) की बात माननी चाहिए”,
जाट : हम ऊँची जात है हम राजनीती में खड़े होंगे गड़ेरिया समाज नहीं, “हमे वोट दे दो हम तुमे कुछ जमीन दे देदेंगे “
मुस्लमान : “मुस्लिम में एकता है मुस्लमान के वोट फलानी पार्टी को नहीं जायंगे अगर हमारी बजाय गड़ेरिया को टिकेट मिला तो”
ब्रहमिन : “अनपद गावर समाज राजनीती में आकार क्या करेगा ?”
ये बाते उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , राजस्थान , हरयाणा उत्तराखंड में आज भी कही जाती है |
आज धनगर समाज को गैर समाज से राजनीती साथ नहीं मिल रहा है, परिणाम यह होता है की जब धनगर समाज राजनीती में खड़ा होता है तो कुछ समाज तो धनगर कैंडिडेट के राजनीती में होने से इतना चिड़ते है की उनको वोट ही नहीं देते वो सोचते है की “अगर धनगर समाज को वोट दे दिया तो धनगर समाज वी वैल्यू बढ़ जायगी”, “या धनगर समाज के इस कैंडिडेट की वजह से उसकी बिरादरी को टिकट नहीं मिला”, “हम धनगर समाज को वोट नहीं देंगे”
इन तमाम कारणों से तंग आकार धनगर समाज ने हुंकार भरी और अपने छोटे छोटे दल का एकत्रित किया या राजनीती में आने के लिए उत्तेजित किया|जिसके पीछे कई कारण है| गैर समाज के विधायको या सांसदों से जब धनगर समाज को मदद की जरुरत पड़ी तो इन हरामखोरो ने तरह तरह के ताने या साफ़ साफ माना कर दिया, और इनके इस जरा से ना ने धनगर समाज को कही भूमि से भूमिहिंन कर दिया(किसी दबंग लोगो के धनगर की जमीन पर कब्ज़ा करने या दबंगों के परेशान करने से, किसी वजह से सरकार ने धनगर की जमीं ले ली अगर कोई नेता उनका साथ देता दो सायद सरकार उनकी जमींन छोड़ देती क्यों की बहुत लोगो की जमीन किसी विधायक या सांसद की मदद से लोग चुदा लेते है , या किसी न किसी और अन्य कारण से धनगर समाज को अपनी खुद की जमीन से हात धोना पड़ा)
इन्ही “धनगर समाज के वोटो के भिखारियों” से तंग आकार धनगर समाज ने राजनीती में कदम रखा , और उत्तर प्रदेश में तो जैसे धनगर समाज ने बिगुल ही बजा दिया , यहाँ धनगर समाज के कई विधायक , राज्यसभा , लोकसभा सांसद , ऍम० एल० सी०, राज्य मंत्री , कैबिनेट मंत्री बने, परन्तु समाज का पिछड़ा पन्न दूर न हो सका|
अगर धनगर समाज आज़ादी के टाइम से राजनीती में आता तो सायद गैर समाज की तरह आज हम भी धनगर गवर्नमेंट चलते , हमारे भी नेता ताकतवर होते , हम कई पार्टियों के वोट बैंक होते |
या जब भारत आजाद हुआ था तो कोई अपना धनगर समाज का नेता होता जो अपने धनगर समाज की स्तिथि को सरकार के सामने रखतातो सायद आज हम अनुसूचित जन जाति में होते क्यों की धनगर समाज एक घुमाकड़ समाज था और आज भी है |
आज गैर समाज के लोग धनगर समाज
प्रतिभागी 5 सन्तोष पाल:- समाज के लोगो को अंधविश्वास और कुरीतियो से भी बचना चाहिए। शिक्षा और business के ऊपर ध्यान देना चाहिए। घर में और समाज में भाई चारा बनाये रखना चाहिए। सन्तोष पाल जी के विचार
प्रतिभागी 6 रविंद्र होल्कर जी श्री मान जी में बारी बारी से अपनी बात रखना चाहता हूँ
जो कई पॉइंट में होगी
1:
समस्या :- हम पुरे भारत में विभिन्न नामो से जाने जाते है जिस से हमारी कोई स्थायी पहचान नही है जहाँ कही नाम के पीछे पाल देखा
हम लट्टू हो जाते हैं।जबकि पाल ठाकुर,जाट भी लिखते है।बघेल देखा तो खुश् जबकि गुजरात मे ठाकुर बघेला लिखते है। धनगर ,,,की बात करे तो कुछ जाट धनकड़ लिखते है। मतलब हम है बहुत पर एक नही है ।
समाधान:- हमारा एक ही सरनेम लिखना होगा ###
होल्कर।
###क्योकि हमारी माता अहिल्याबाई होल्कर एक मात्र । सर्टिफाइड हस्ती है जिसको सब मानते है। बाकि का कोई पता नही है
श्री मान जी कल मैंने समाज को एक नाम से जानने का टाईटल बताया था उस पर कोई प्रीति क्रिया नही आयी है।जो टाईटल होल्कर था।
अब आज की बात बताता हूँ
शिक्षा :-जेसे की आप सभी जानते है शिक्षा ही जीवन की कुंजी है ।
पर क्या B, A ।M A करना ही पर्याप्त है।रोजगार परक शिक्षा होनी चाहिये ।हमको अधिक से अधिक अपने बच्चों पर ख़र्च करना चाहिये।बच्चों की इस विष्ाय में काउंसलिंग करानी चाहिये।की बच्चे पढ़ने मे केसे है उसे के अनुसार बच्चों पर खर्च करना चाहिये। पुलिस फ़ोर्स की भर्ती के लिये भी बच्चों को तैयार करना चाहिए।हमे समाज के लोगो से चंदा लेकर समाज के उन बच्चे ओ की पहचान करनी चाहिये जो बच्चे असहाय है।और उन पर पढ़ाई मे ख़र्च करना चाहिए।
पुलिस फ़ोर्स या ग्रुप c ,d की नोकरी की तैयारी के लिये कोचिंग सेण्टर खोलने चाहिये।बच्चों को प्रेरित करना चाहिए।
सभी को नमस्कार – शिक्षा किसी समाज की रीढ़ की हड्डी होती है। और इसे जरूर लेना चाहिए
अब आते हैं जागरूकता के स्तर की बात पर हमारे समाज को आपसी भाईचारे की बहुत जरूरत है। हम लोग एक – दूसरे के प्रति भाईचारा बढ़ाएं,
एक – दूसरे को महत्व प्रदान करें ।
एक – दूसरे का वक्त जरूरत के समय काम आयें ।
हमारे समाज को व्यापार और व्यवसाय के क्षेत्र में जागरूक होने की जरूरत है। हम लोग यदि घर में तीन भाई हैं तो उसमें से एक भाई व्यवसाय करे ।
दूसरा भाई किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें ।
तीसरा भाई घर का काम देखे और घर का कार्य देखने के साथ-साथ राजनीति में भी भागीदारी करें ।
इस प्रकार से हमारे गड़रिया समाज का उत्थान शीघ्रातिशीघ्र हो सकता है। यह मेरा विचार है। ।
नाम – Gadariya Surendra Pal
समाज के समस्त प्रबुद्ध विद्वान जनों, मेरा सभी से निवेदन है। कि social media का सार्थक उपयोग करके, समाज में
शिक्षा
व्यवसाय
राजनीति के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करें ।
ये तीनों आयाम ही हमारे लिये उन्नति का मार्ग खोलते हैं इसलिये आप सभी लोग से मेरा विनम्र निवेदन है। कि social media के माध्यम से लोगों में चेतना लाने का पूरा प्रयास करें, मुझे परिपक्व लोगों बहुत आशा है।
सभी का मंगल हो
सभी वीर और बुद्धिमान बनें
सभी नीरोग रहें
प्रतिभागी 8 श्री एस एन पाल जी, हमे समाज के बड़े नेताओं. . . और इस तरह के लोगों से सावधानी बरतनी होगी जो समाज का नेतृत्व सिर्फ और सिर्फ अपने लिए करते हैं यह विचार श्री एस एन पाल जी का है
प्रतिभागी 9 तेजपाल सिंह जी द्वारा एक विचार समाज के नाम ..हमारे समाज के स्कूल और कॉलेज होने चाहिए जिसमे समाज के गरीब परिवार के बच्चो को नि शुल्क शिक्षा और मध्यम वर्ग के बच्चो को कम फीस पर अच्छी शिक्षा मिल सके स्कूल कालेज के खर्च के लिए पैसा हम सब जिम्मेदार लोग उठाएंगे
प्रतिभागी 10 रविकान्त बघेल द्वारा लिखी योजना मेरा आप सबसे निवेदन है कि अगर आप यूपी की बात करते है तो यूपी में मात्र व् मात्र समाज को गड़रिया नाम से ही चलना चाहिये न कोई लालच न कोई प्रोपगेंडा
मात्र सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा , बेटी पढ़ाओ , व्यपार में समाज की भागीदारी बढ़े , नवयुवाओं को नवचेतना व् प्रोफेशनल तरीके से आगे बढ़े , इन्ही सभी मुद्दों को लेकर आगे बढ़ना चाहिये
प्रतिभागी 11 अगर हमको अपने समाज को आगे ले जाना है तो 3 बातों को हमेसा धयान रखना हो।।।
1 बेरोजगारी को दूर करना उसके लिए business मे आना होगा।।
2 एजुकेशन पर फोकस करना होगा।।।
3 अपने गाँव के लोगो को अपने एग्रीकल्चर के तरीके मे बदलाब करके उनको अदुनुनिक तरीको और खेती से काम करके financecial मजबूत होना होगा।।।
4 राजनीति मे हमें किसी पार्टी नहीं अपने समाज के प्रति विस्वास देना होगा।।।
5 हमको धर्म को छोड़ कर कर्म पर विस्वास करना होगा।।। क्युकी धर्म हमको निकम्मा बनता है।।। कर्म को धर्म मनो समाज आगे बढेगा।।।।
प्रतिभागी 12 संतोस पाल जी समाज में बहुत ज्यादा मात्रा में संघठन होने के कारण समाज को बहुत ही ज्यादा नुकसान हो रहा है।आपसी मतभेद भी बहुत है। इन संघटनो के कारण समाज एकजुट भी नहीं हो पा रहा है।
अनिल कुमार पाल जी हम अपना वोट उन्हीं लोगों को दें जो हमारे पोषक हैं हम अपना वोट उन लोगों को बिल्कुल न दें जो हमारे शोषक हैं और साथ में इस चीज पर पैंनी नजर रखे जिन्हें हमने अपना प्रतिनिधि चुना है। उन लोगों ने हमारा कितना उत्थान किया,अगर कोई सामन्तशाही मानसिकता का व्यक्ति है। तो उसे बिल्कुल ही हम अपना वोट न दें, और वोट की ताकत को हम सभी जानें, यह राजनीतिक जागरूकता की पहली निशानी है। कि जो अपना वोट देने से पूर्व अपने बहुमूल्य वोट का विचार करते हैं और इसके साथ राजनीतिक भागीदारी जरूर करें और अपना वोट ड़ालने जरूर जायें । विशेष – उन लोगों को बुद्धिमान नहीं कहा जा सकता है। जिन्होंने अपना वोट देकर स्वयं के शोषण को निमंत्रण दिया है।
प्रतिभागी 13 Gadariya Surendra Pal जी समाज को शिक्षा पर जोर देना चाहिए उसके लिए जिम्मेदार लोगो को आगे आना होगा
प्रतिभागी 14 Gadariya Surendra Pal SIR. Aapse mera nivedan hai ki aaj hnewale rail roko aandolan per focas kiya jana jyaada jaruri hai kya aap ko tatkaal honewale andolan ka hissa banna chahiye tha kya aap dhangar mudde ko gaon karna chahte hai? aabhaas aisa hi hta hai? Pl apni pratikriya avashay de ? Jai dhangar samaj manniya j p dhangar zindabad zindabad ham apna samvaidhanik adhikaar lekar rahenge ham honge kaamyaab
प्रतिभागी 15 Shishupal Singh Baghel Samaj m kai kuprathaye h…jaise mrityubhoj
प्रतिभागी 16 भगवान सिंह होल्कर प्रतिभागी प्रतिभागी जितने इतिहासकार उतनी ही बातें किसका विश्वास करें किसका नहीं ?लगता है जैसे कि सब भ्रमित ही करते हैं! बस अपने अपने कर्म क्षेत्र में लगनशील रहकर अपना नाम करें जीवन यापन करें! इस गड़रिया को तो सबने गुमराह ही किया ऐसा लगता है! समाज की स्थिति यह है कि जो बात इसकी प्रशंसा में हो वही इसे अच्छी लगती है बेशक वह झूठी ही क्यों न हो! क्या मैं गलत हूँ ?
Gadariya Surendra Pal कमेन्ट मैं अपनी राय जरूर भेजें